20 साल काफी समय है. पिछले 20 वर्षों में पूरी दुनिया की छवि बदल गई है। आज दुनिया के हर देश की स्थिति 20 साल पहले से बिल्कुल अलग है। ये बात भारत पर भी लागू होती है. पिछले 20 वर्षों की हालिया उपलब्धियों का ही जिक्र करें तो भारत को मिशन चंद्रयान में सफलता मिली.
भारत ग्रह पर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। नीरज चोपड़ा, अभिनव बिंद्रा जैसे ओलंपियनों ने खेलों के महाकुंभ में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया। महिलाओं को आरक्षण मिला जिसकी चर्चा इस समय पूरी दुनिया में हो रही है। जब पूरी दुनिया पर कोरोना संकट आया तो भारत ने इसकी वैक्सीन बनाने में बहुत अहम भूमिका निभाई.
क्यों ऑस्ट्रेलिया से बेहतर है टीम इंडिया?
इस सवाल का जवाब बहुत आसान है. किसी भी खेल में जीत या हार की भविष्यवाणी करना बहुत मुश्किल होता है. वो भी तब जब बात इतने बड़े टूर्नामेंट के फाइनल की हो.इस प्रकार, दोनों समूहों को कुछ मानदंडों पर परखना समझदारी है कहानी अपने आप समझ आ जायेगी. पहली कसौटी- टीम इंडिया इस वर्ल्ड कप में अब तक अपराजेय रही है. उन्होंने लगातार 10 मैच जीते हैं.ऑस्ट्रेलिया भी लगातार 8 जीत के साथ फाइनल में पहुंच चुका है लेकिन लीग मैचों में उसे भारत और दक्षिण अफ्रीका से हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा अफगानिस्तान और बांग्लादेश के खिलाफ मैच में भी ऑस्ट्रेलिया रोने लगा.
91 रन पर 7 विकेट गंवाने के बाद ग्लेन मैक्सवेल की आकर्षक पारी ने अफगानिस्तान का मैच बचा लिया। इसके बाद बांग्लादेश की टीम ने कंगारुओं के खिलाफ 300 से ज्यादा रन बनाए. इसके उलट भारतीय टीम ने इस वर्ल्ड कप में 100-200-300 से ज्यादा रनों से मैच जीते हैं.विकेट के लिहाज से भारत की सबसे छोटी जीत 4 विकेट और रनों के लिहाज से 70 रन की है. ये दोनों मैच उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले थे.उसने एसोसिएशन मैच में न्यूजीलैंड को 4 विकेट से और सेमीफाइनल में 70 रनों से हरा दिया. अब आप निस्संदेह समझ सकते हैं कि किस समूह की 'स्थिरता' बेहतर है।
ऑस्ट्रेलिया की तुलना में भारत ग्रुप में सबसे ज्यादा जुड़ा हुआ है
इस कसौटी पर भी टीम इंडिया काफी आगे है. भारतीय टीम को मिली हर जीत में कई खिलाड़ियों का योगदान रहा है.टीम इंडिया की हालत ऑस्ट्रेलिया जैसी नहीं है जहां ग्लेन मैक्सवेल के दोहरे शतक से मैच जिताया गया हो.सेमीफाइनल में पैट कमिंग्स और मिचेल स्टार्क को क्रीज पर जोरदार संघर्ष करना पड़ा, कई बार बल्लेबाजों ने काम खराब कर दिया था.इसके विपरीत भारतीय टीम की जीत में कई सितारे शामिल हैं. टॉप ऑर्डर से लेकर मिडिल ऑर्डर तक हर बल्लेबाज ने अपनी भूमिका बखूबी निभाई है.कुछ ऐसी ही कहानी गेंदबाजी की भी है, जहां तेज गेंदबाजों को स्पिनरों का भरपूर साथ मिला है.भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा को फाइनल तक के सफर में सिर्फ एक या दो खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर निर्भर नहीं रहना पड़ा है, बल्कि पूरी टीम एक साथ मंजिल की ओर बढ़ी है.
विराट कोहली के नाम रिकॉर्ड में सबसे ज्यादा 711 रन का स्कोर है. बहरहाल, रोहित शर्मा ने 550, श्रेयस अय्यर ने 526, केएल राहुल ने 386 और शुबमन गिल ने 350 रन बनाए हैं. इसके बाद गेंदबाजों की बात करें तो मोहम्मद शमी ने 23 विकेट की सीमा अपने नाम कर ली है. फिर भी, जसप्रित बुमरा के रिकॉर्ड में 18 विकेट हैं, जडेजा के रिकॉर्ड में 16 विकेट हैं, कुलदीप यादव के नाम पर हैं
यहां तक कि किराज में आउट ऑफ फॉर्म चल रहे मोहम्मद सिराज ने भी टूर्नामेंट में 13 विकेट लिए हैं. इन दस्तावेज़ों से पता चलता है कि दोनों में से एक सर्वोत्तम प्रदर्शन कर रहा है
इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि अब तक खेले गए 10 मैचों में भारत ने एक बार चार सौ का आंकड़ा पार किया है और दो बार विपक्षी टीम को 100 रन के भीतर ही रोक दिया है.
वह पोंटिंग, गिलक्रिस्ट, हेडन, मैग्रा की टीम थी...
अंत में थोड़ी बात 2003 फाइनल के बारे में भी कर लेते हैं. 23 मार्च 2003 को जोहान्सबर्ग में खेला गया उस फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 359 रन बनाए थे. इसमें रिकी पोंटिंग ने शानदार 140 रन बनाए थे.इसके अलावा एडम गिलक्रिस्ट और डेमियन मार्टिन ने भी शानदार अर्धशतक जड़े. जब भारतीय टीम 360 रनों का सामना करने उतरी तो उसे ऐसे गेंदबाजों का सामना करना पड़ा भारतीय बल्लेबाजी लड़खड़ा गई और 125 रनों से मैच हार गई.
अब हमें 2023 के ऑस्ट्रेलियाई समूह पर चर्चा करनी चाहिए। एक बार फिर माप का सहारा लेते हैं। मौजूदा सीन कप में खासतौर पर डेविड वॉर्नर ही हैं जिन्होंने 500 से ज्यादा रन बनाए हैं। आम तौर पर अधिकांश बल्लेबाज़ 250-350 के बीच होते हैं। स्टीव स्मिथ जूझ रहे हैं.उन्होंने 9 मैचों में सिर्फ 298 रन बनाए हैं. मरांश लाबुशेन के खाते में 10 मैचों में 304 रन हैं. गेंदबाजों में जम्पा हैं जिनके खाते में 22 विकेट हैं.अन्यथा मिचेल स्टार्क और पैट कमिंग्स 13-13 विकेट पर हैं. तो 2023 की टीम 2003 की टीम नहीं है,जिसमें रिकी पोंटिंग, एडम गिलक्रिस्ट, मैथ्यू हेडन या ग्लेन मैक्ग्रा जैसे महान ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी हुआ करते थे.
दरअसल, इसके बाद भी कुछ कमजोर दिल वाले लोग कह सकते हैं कि माप का क्या मतलब, ऑस्ट्रेलिया विश्व कप इतिहास की सर्वश्रेष्ठ टीम है।तो हम उन्हें बता दें कि 2003 में स्टेडियम में एक लाख से ज्यादा लोग टीम इंडिया की जीत के लिए नारे भी नहीं लगा रहे थे. इस बार जो हमला करेंगे वो जोर से चिल्लाएंगे- भाई जीतेगा, भारत जीतेगा.
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